‘प्यार नहीं करती तुमसे’ वो अक्सर ये कहती थी,
कही यकीन न कर बैंठू इस बात का वो ख्याल भी बेशुमार रखती थीं।
कहती थी छोड़ कर चली जाऊंगी एक दिन इंतजार मत करना,
फिर भी ज़रा सी देर होने पर पलको पर मोती लिए इंतजार भी करती थी।
अब कैसे मान लू के भुला दिया हैं उसने,
जब उसके हर एक जिक्र में रम्ज़ मेरा दिखता हैं।।
Month: April 2019
Khushnuma
सोचा कुछ खुशनुमा लिखें
कलम उठाई और कोरे कागज़ पर चला दी
पन्ने पर लिखे अल्फाज धूंधुले होते चले गए और उसमें तुम्हरी सूरत नज़र आने लगी।
~Seasons’King
Kaash…
काश कुछ ऐसा होता मेरे पास तू और तेरे साथ मैं होता।
दिन गुज़रता एक दूसरे की बांहों में, एक साथ ही चाँद का दीदार होता।
लोग मिसालें देते हमारी मुहब्बत की और दास्तानो में राधा कृष्ण के बाद तेरा और मेरा नाम होता।
~Seasons’King
Bharosa
मेरी मुहब्बत को कमज़ोर समझने वाले, मुझे छोड़ कर जाते रहे।
वो तो हाथ थामने वालों ने जाना के कमज़ोर तो उनका भरोसा था।
~Seasons’King
Lakeer
तकदीर अज़माने निकले थे मुहब्बत में,
उसने मिलाया भी तो तुझसे था।
कैसे होती मुक्कम्मल मुहब्बत मेरी,
तेरी हाथों की लकीरों को उसने मिलाया जो किसी और से था।
~Seasons’King
Hunar
नाम तो तेरा आज भी याद है बस जुबान पर आता नहीं,
चाहता तो हूं बहुत कुछ भुलाना बस यही हुनर तो आता नहीं।
~Seasons’King
Phool patjhad ke…
कुछ इस तरह बीते हैं पल जवानी के,
कुछ कोरे कागज़ और उनमें भर रंग आशिकी के और कुछ हसीन लम्हों के।
अब सूख गई हैं ज़िंदगी की सियाही जो, तो अलग हो गये हैं बनकर फूल पतझड़ के वो।।
~Seasons’King